
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने एक बयान जारी किया है कि कतर ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की मौत की सजा को बदल दिया है।ज्ञातव्य है कि कतर की एक अदालत ने “दाहरा ग्लोबल” नामक एक केस में 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा दे दी थी।अब अदालत ने पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा को कम कर दिया है।यह सूचना मिलने से सैनिकों के परिजनों ने राहत की सांस ली।सूचना मिलने तक इन पूर्व सैनिकों के सर पर मौत की तलवार लटक रही थी।भारतीय विदेश मंत्रालय ने आगे बताया कि अदालत के वर्डिक्ट की पूर्ण प्रति अभी प्राप्त नही हुई है।
विदेश मंत्रालय ने आगे बताया है कि हम पूर्व भारतीय नौसैनिकों को कानूनी सहायता देते रहेंगे और इस मुद्दे को कतर प्रशासन के सामने भी उठायेंगे।यह इशू सेंसिटिव होने के कारण इसके बारे में और अधिक शेयर नही कर पायेंगे।
क्या है दाहरा ग्लोबल मामला ?
कतर सीक्रेट सर्विस ने 30 अगस्त 2022 की रात्रि को कतर में काम करने वाले 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को अचानक अरेस्ट कर लिया था।कतर सीक्रेट सर्विस ने इन गिरफ्तार किए गए ऑफिसर्स पर दोहा में अंडर कंस्ट्रक्शन पनडुब्बी की गुप्त जानकारी इजराइल के साथ साझा करने का आरोप लगाया।कतर में ऐसे अपराधों के लिए मौत की सजा सुनिश्चित होती है।
ये सभी पूर्व नौसैनिक “दाहरा ग्लोबल नामक” कंपनी में कार्यरत थे ये कंपनी कतर की नौसेना की पनडुब्बी परियोजना से जुड़ी थी।कतर ने बाद में इस कंपनी को बंद करने के आदेश जारी कर दिए।
आगे क्या होगा इन एक्स नेवी ऑफिसर्स का ?
कतर द्वारा उठाए गए इस कदम को भारतीय विदेश मंत्रालय की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।लेकिन बड़ा प्रश्न अभी भी बना हुआ है कि क्या इन सजायाफ्ता सैनिकों को भारत लाया जा सकेगा?जैसा कि विदेश मंत्रालय ने अपने वक्तव्य में कहा है कि फैसले की पूर्ण प्रति अभी मिली नही है।फैसले के अध्ययन के पश्चयात की कुछ कहा जा सकता है कि सजा की किस सीमा तक कम किया है।हालांकि भारत तथा इजराइल के मध्य एक ट्रीटी एक्सिस्ट करती है जिसके अनुसार दोनों देश कैदियों को एक्सचेंज कर सकती है।