
“अल्फा मेल” का प्रयोग हमेशा जानवरों के व्यवहार और सामाजिक संरचनाओं के संदर्भ में किया जाता है, विशेष रूप से भेड़ियों और अन्य सामाजिक स्तनधारियों के अध्ययन में।एनिमल किंगडम में, अल्फा मेल आम तौर पर एक सामाजिक समूह में प्रमुख व्यक्ति होता है। इस अवधारणा को लोकप्रिय बनाया गया है और मानव व्यवहार पर भी लागू किया गया है, विशेषकर सामाजिक गतिशीलता और नेतृत्व के बारे में चर्चा में। मानवीय शब्दों में, एक अल्फ़ा पुरुष को अक्सर एक प्रभावशाली, आत्मविश्वासी और मुखर व्यक्ति के रूप में वर्णित किया जाता है जो नेतृत्व गुणों का प्रदर्शन करता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अल्फ़ा पुरुष की अवधारणा एक विवादास्पद और बहस का विषय है। कुछ लोगों का तर्क है कि यह मानव व्यवहार को अत्यधिक सरल बनाता है और हानिकारक रूढ़िवादिता को कायम रखता है, जबकि अन्य इसे सामाजिक गतिशीलता के कुछ पहलुओं के लिए एक उपयोगी रूपक मानते हैं। ऐसी अवधारणाओं को मानव व्यवहार की सूक्ष्म समझ के साथ समझना और विभिन्न संदर्भों में नेतृत्व और सफलता में योगदान देने वाले लक्षणों और गुणों की विविधता को पहचानना महत्वपूर्ण है।
हाल ही संदीप वेंगा रेड्डी द्वारा निर्देशित फिल्म एनिमल को रिलीज किया गया था।फ़िल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही है वरन दर्शकों द्वारा खूब पसंद भी की जा रही हैं।इसीतरह 2019 में आई संदीप वेंगा रेड्डी की ही फ़िल्म कबीर सिंह को भी दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया था और फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुई थी।
किन्तु दर्शकों का ही एक वर्ग इन मूवीज में दिखाई गई अप्रत्याशित हिंसा को देखकर चिंतित नज़र आ रहा है।एनिमल मूवी में जिस तरह की हिंसा,यौनाचार दिखाया गया इससे दर्शकों का एक वर्ग अपनी चिंता जाहिर कर रहा है।

एनिमल फ़िल्म में मुख्य भूमिका में रणबीर कपूर है जो अपने पिता की जान पर आये खतरे को कम करने हेतु अप्रत्याशित हिंसा का सहारा लेता है।न केवल हिंसा अपितु रिश्ते के बाहर यौनाचार भी करता है। यही से “अल्फा मर्द” की बहस भारतीय मीडिया में शुरू हो जाती है।लगभग यही कहानी “कबीर सिंह” की भी है।

अतःफिल्मी दुनिया मे यह विचार किया जा रहा है कि क्या दर्शकों द्वारा अब ऐसी फिल्में पसंद की जा रही है जिसमे मुख्य नायक हिंसा और अवैध सेक्स करता है।क्या यह समाज के लिए चिंता का विषय है?