
करोड़ो लोगो के आराध्य प्रभु श्री राम के बारे में कौन नही जानता ? हर किसी ने उनसे जुड़ी हुई tv सीरियल्स,रामायण और किताबे देखी-पढ़ी है किंतु आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे है श्री राम से रिलेटेड 14 ऐसे फैक्ट्स जो बहुत ही कम लोगो को पता है।तो आइये जानते है प्रभु श्री राम सम्बन्धी 14 महत्वपूर्ण तथ्य –

1.श्री राम का पसंदीदा भोजन ?
प्रायः भगवान श्री कृष्ण के बारे में तो सभी को पता होता है कि उन्हें माखन बहुत अधिक प्रिय था और उसके लिए अपने बचपन मे वे कई प्रकार की लीलायें भी करते थे जिनमें गोपियों के माखन की चोरी जैसी लीलायें भी शामिल है।किन्तु भगवान श्री राम को भोजन के रूप में क्या अधिक रुचिकर लगता था इसके विषय मे कम ही लोगो को पता होता है।तो आइये जानते है प्रभु श्री राम को भोजन के रूप में क्या पसंद था के विषय मे 14 Things about Lord Shri Ram that you also do not know !
वाल्मीकि रामायण और तुलसी की ‘रामचरितमानस’ के अनुसार भगवान राम का सर्वाधिक प्रिय भोजन है खीर।श्री राम को खीर बहुत अधिक प्रिय थी।रामनवमी के दिन पूरे भारतवर्ष में उन्हें खीर का भोग लगाया जाता है।इसके साथ ही रामनवमी के दिन प्रभु श्री राम को केसर भात,हलवा,लड्डू और पूरन पोई का भी नैवैद्य दिया जाता है |

2.श्री राम के धनुष का नाम ?
सभी जानते है कि प्रभु श्री राम विश्व के सबसे बड़े धनुर्धर थे।श्री राम इतने बड़े धनुर्धर थे कि उनके द्वारा चलाया गया बाण कभी भी खाली नही जाता था।चाहे ताड़का वध हो या मारीच या खर दूषण।जितने भी राक्षसों का सामना श्री राम से हुआ प्रभु श्री राम ने सबको पराजित किया। इसीलिये किसी भी समस्या के अंतिम उपाय के रूप में रामबाण उपाय का मुहावरा गढ़ा गया है।किन्तु उनके धनुष का नाम क्या था ? इसके विषय मे जानकारी बहुत ही कम लोगो को देखने को मिलती है।प्रायः लोगो को अर्जुन के धनुष गांडीव का नाम तो पता होता है किंतु श्री राम के धनुष के नाम के विषय मे उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नही होती है।
प्रभु श्री राम के धनुष का नाम ‘कोदंड’ था।यह कोई साधारण धनुष नही था।यह एक दिव्य धनुष था जिसे मंत्रो से अभिमन्त्रित किया गया था।हर कोई इसे धारण करने का सामर्थ्य नही रखता था।14 Things about Lord Shri Ram that you also do not know !

3.कितनी लम्बी भुजाये थी श्री राम की ?
श्री राम की शारीरिक बनावट के बारे में तो अधिकांश लोग जानते है किन्तु उनकी भुजाओ की लम्बाई के विषय में बहुत ही कम लोग जानते है | वाल्मीकि रामायण में प्रभु श्री राम की जिस शारीरिक बनावट का उल्लेख किया गया है उसके अनुसार श्री राम का कद ऊँचा तथा शरीर के सभी अवयव सर्वांगसम थे।उनकी आँखें बड़ी और शीतलता प्रदान करने वाली थी।उनके केश लम्बे और चमकदार थे।उनके औष्टो का रंग रक्ताभ सूर्य के समान था और उनके दोनों होठ समान आकार के थे।श्री राम की त्वचा का रंग श्यामवर्ण था।14 Things about Lord Shri Ram that you also do not know !
श्री राम के हाथ उनके घुटनो तक लम्बे थे इसलिए उन्हें ‘आजानुभूज’ कहा गया है।अतः स्पष्ट है कि श्री राम की भुजाएँ लंबी तथा विशाल थी |

4.क्या आप जानते है रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं प्रभु श्री राम ने की ?
सभी जानते है कि भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं जिसमे प्रतिवर्ष हज़ारों श्रद्धालु दर्शन करने जाते है।श्री राम भी शिव के भक्त थे |14 Things about Lord Shri Ram that you also do not know !
अतः लंका के लिए रामसेतु बनाते समय श्री राम ने अपने आराध्य भगवान शिव के सम्मान में इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी।यह ज्योतिर्लिंग वर्तमान में तमिलनाडु के रामेश्वरम के निकट समुद्र तट पर स्थित है जिसका सीधा सम्बन्ध प्रभु श्री राम से जुड़ा हुआ है।

5.कौन थे श्री राम के गुरु ?
भारत प्राचीन काल से ही गुरु शिष्य परम्परा वाला देश रहा है।अतः किसी भी व्यक्ति के जीवन मे गुरु का महत्व स्वयं सिद्ध है।बात करे श्री राम के गुरु की तो श्री राम के जीवन मे दो आचार्यो का महत्व अधिक रहा है।14 Things about Lord Shri Ram that you also do not know !
महर्षि वशिष्ठ जो श्री राम के कुल गुरु और आचार्य दोनों थे।वही महर्षि विश्वामित्र जिन्होंने उन्हें कई दिव्यास्त्र प्रदान किये।

6.प्रभु श्री राम के पश्चात उनके पुत्रो का क्या हुआ ?
ये तो सभी जानते है कि भगवान श्री राम और माता जानकी के दो जुड़वा पुत्र थे लव और कुश।किन्तु श्री राम ने जब शरयु नदी में जल समाधि ली तो उनके पश्चयात उनके पुत्रो और उनके भाइयो के पुत्रों का क्या हुआ?14 Things about Lord Shri Ram that you also do not know !
श्री राम ने जलसमाधि लेने से पूर्व अपने साम्राज्य में से दक्षिण कौशल प्रदेश वर्तमान छत्तीसगढ़ अपने पुत्र कुश को और उत्तर कौशल वर्तमान पंजाब अपने पुत्र लव को सौंपा।दोनों ही राजकुमारों का राज्याभिषेक श्री राम ने अपने हस्ते किया।
सभी जानते है कि श्री राम के तीन भाई थे लक्ष्मण,भरत तथा शत्रुघ्न |इनके तीनो भाइयो को भी दो-दो पुत्र थे।लक्ष्मण के पुत्रों के नाम थे चंद्रकेतु और चित्रांगद,भरत के पुत्रों के नाम थे पुष्कल और मणिभद्र,शत्रुघ्न के पुत्रो के नाम थे सुबाहु और भद्रसेन।
वर्तमान हिमाचल में लक्ष्मण पुत्र चित्रांगद का अंगदपुर तथा चंद्रकेतु का चंद्रावती नाम का राज्य था।वर्तमान तक्षशिला में भरत पुत्र मणिभद्र और पेशावर में पुष्कर का राज्य था।शत्रुघ्न के पुत्र सुभाहु का मथुरा में तथा दूसरे पुत्र भद्रसेन का बेलसा वर्तमान विदिशा में शासन था।

7.अपने वनवास के दौरान श्री राम किन-किन मार्गो से होकर गुजरे ?
प्रभु श्री राम के वनवास का वाल्मीकि रामायण में विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है, और उन्होंने अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान विभिन्न स्थलों का भ्रमण किया। यहां कुछ प्रमुख स्थलों का वर्णन किया गया है जिनमें प्रभु श्री राम ने अपने वनवास के दौरान समय व्यतीत किया –
- चित्रकूट:
श्री राम,माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने अपना पहला वर्ष चित्रकूट में व्यतीत किया। यहां श्री राम ने भक्तों और ऋषियों के साथ समय बिताया और लोगों को धर्म का उपदेश दिया। - पंचवटी:
दूसरे वर्ष में, राम ने पंचवटी वन में अपना आश्रम स्थापित किया, जहां सीता का अपहरण हुआ था। यहां राम, सीता, और लक्ष्मण ने राक्षसों के साथ संघर्ष किया। - दंडकारण्य:
श्री राम ने तीसरे वर्ष में दंडकारण्य वन में अपना समय व्यतीत किया , जहां उन्होंने विभिन्न तात्कालिक ऋषियों से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया और आध्यात्मिक ज्ञान ग्रहण किया । - अगस्त्याश्रम:
चौथे वर्ष में, राम ने अगस्त्य ऋषि के आश्रम में अपना समय बिताया और ऋषि की आज्ञा का पालन किया। - पंचवटी फिर से:
राम, सीता, और लक्ष्मण ने पंचवटी में अपना समय दोबारा बिताया, जहां सीता ने रावण द्वारा हरण हो जाने के बाद राम ने राक्षसों का संहार किया। - किष्किन्धा:
श्री राम ने हनुमान की मदद से किष्किन्धा वन में सुग्रीव से मिले , जिनसे उन्होंने वानर सेना का सहारा मिला |
इसप्रकार प्रभु श्री राम अपने वनवास के अंतिम चरण में लंका में थे जहाँ उन्होंने दशानन रावण का वध किया और माता सीता को मुक्त किया।लंका में उन्होंने विभीषण का राज्याभिषेक कराकर उसे लंका का राजा बनाया वही पुष्पक विमान की सहायता से अयोध्या में वापस आये।
8.क्या आप जानते है श्री राम की एक बड़ी बहन भी थी ?
ये तो सभी जानते है श्री राम को तीन भाई थे जो उन्हें अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय थे।चारो भाईयो मे बहुत अधिक स्नेह भी था।किन्तु उनकी एक बहन भी थी जो आयु में उनसे बड़ी थी।महाराज दशरथ और माता कौशल्या की पहली संतान एक पुत्री थी जिसका नाम शान्ता था।शान्ता सभी कार्यों में निपुण थीं और बुद्धिमान होने के साथ साथ सुंदर भी थी।
शान्ता का विवाह ऋषि श्रृंग से हुआ था।ऋषि श्रृंग ने ही आगे चलकर राजा दशरथ के लिए पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ कराया था।
9.क्या आप जानते है श्री राम के मित्र कौन-कौन थे ?
प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमानजी के विषय मे प्रायः सभी जानते है किंतु श्री राम ने किन-किन लोगों को अपने मित्र के रूप में स्थान दिया था इसके विषय मे आज हम जानने का प्रयास करते है –
1. निषादराज :
निषादराज श्री राम के बाल सखा थे उन्होंने गुरुकुल में श्री राम के साथ मिलकर ही शिक्षा प्राप्त की थी।निषादराज रंगवेरपुर के राजा थे और उनका वास्तविक नाम गुहाराज था।
2.सुग्रीव :
सुग्रीव किष्किन्धा के राजा थे।सुग्रीव को श्री राम ने उनका राज्य बाली से वापस दिलाने में सहायता की थी।हनुमानजी ने श्री राम को सुग्रीव से मिलाया था।श्री राम ने उन्हें मित्र का दर्जा दिया था।
3.विभीषण :
अपने भ्राता रावण द्वारा अपमानित किये जाने पर विभीषण ने श्री राम की शरण ली थी। श्री राम ने विभीषण को मित्रता का दर्जा दिया तथा लंका विजय के पश्चयात उन्हें लंका का राजा भी बनाया।
10.क्या आप श्री राम की वंशावली के बारे में जानते है ?
श्री राम के वंश को “सूर्यवंश” या “रघुकुल” कहा जाता है। श्री राम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे और उनका सीता के साथ विवाह रामायण में वर्णित है। श्री राम के बाद, उनके पुत्र लव और कुश थे, जिन्होंने अयोध्या के राजा बनने के बाद उनका वंश आगे बढ़ाया।

11.श्री राम ने किन-किन राक्षसों का वध किया ?
ये तो सभी जानते है कि श्री राम ने दशानन रावण का वध करके सम्पूर्ण संसार को उसके अत्याचारों से मुक्त किया था।किंतु इसके अतिरिक्त अपने वनवास के दौरान श्री राम ने कई सारे राक्षसों को मारा था।आईये जानते है उन राक्षसों के बारे में –
1.ताड़का –
श्री राम ने अपने एक ही बाण से ताड़का का वध कर दिया था।ताड़का अयोध्या के समीप अपने पति सुड तथा दो पुत्रों सुभाहु और मारीच के साथ रहती थी।
2.खर और दूषण –
खर और दूषण राक्षसराज रावण के सौतेले भाई थे।उनका राज्य दण्डकारण्य के वनों में फैला हुआ था।अपनी बहन सूर्पनखा के अपमान का बदला लेने के लिए उन्होंने श्री राम पर आक्रमण किया किन्तु दोनों को भी श्री राम के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा।
3.मारीच –
मारीच भी एक शक्तिशाली राक्षस थे और उन्होंने माया से राम को भ्रमित करने का प्रयास किया था। भगवान राम ने मारीच का भी वध किया था।
4.कुम्भकर्ण –
कुम्भकर्ण रावण का भाई था | कुम्भकर्ण बहुत ही अधिक शक्तिशाली था और विशालकाय था | श्री राम ने रावण का भी वध किया था |
5.अहिरावण –
अहिरावण लंकापति रावण का भाई था और पाताललोक का राजा था।उसने श्री राम और लक्ष्मण का अपहरण करके उन्हें पाताललोक ले गया।हनुमानजी ने अहिरावण से युद्ध करके उसे परास्त किया और श्री राम तथा लक्ष्मण को उसकी कैद से मुक्त किया।
इसके अतिरिक्त भी श्री राम ने कई राक्षसों का वध किया जिसमे कबन्ध,सुभाउ,विराध आदि शामिल है |
12. श्री राम की जलसमाधि
श्री राम ने शरयु नदी में जल समाधी ले ली | अश्विन पूर्णिमा के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अपने परिवारजनों के साथ शरयु नदी में समाधी ले ली | उनके साथ भरत ,शत्रुघ्न ,उर्मिला ,मांडवी और श्रुतिकीर्ति भी थी |
13. क्या आप जानते है श्री राम के ननिहाल के बारे में ?
वर्तमान छत्तीसगढ़ श्री राम का ननिहाल था | रामायणकाल में इस क्षेत्र को दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाता था | उंस समय दक्षिण कौशल में राजा भानुमंत का राज था।राजा भानुमंत की पुत्री कौशल्या से अयोध्या नरेश दशरथ का विवाह हुआ था।इसलिये छत्तीसगढ़ को भगवान राम के ननिहाल से जोड़ कर देखा जाता है।
14. क्या आप जानते है श्री राम का जन्म किस वर्ष हुआ था ?
वाल्मिकी कृत रामायण के बालकांड मे श्री राम के जन्म का उल्लेख किया गया है।महर्षि वाल्मिकी ने लिखा है कि श्री राम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अभिजीत मुहुर्त में हूआ था।कंप्यूटर द्वारा गणना करने पर यह समय 21 फरवरी 5115 ईस्वी का निकलता है।